▪️देशभर में पहली बार नहीं निकाले जायेगें मोहर्रम के ताज़िया व जुलूस,
▪️कोरोना महामारी के चलते सभी धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक,
उत्तर प्रदेश: मुहर्रम के जुलूस व ताज़िया पर कल्बे जव्वाद द्वारा दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद,
जनपदीय पुलिस प्रशासन ने शिया बहुल क्षेत्रों में जाकर लोगों को इस मामले से अवगत कराया, और घरों में रह कर ही मोहर्रम मनाने की अपील की जा रही हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसकी इज़ाजत देने से दूसरे धर्म के लोग अपने आप को ठगा महसूस करेंगे, और आप लोगों पर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देने के आरोप भी लग सकते हैं, इसलिए हम आप इसकी इज़ाजत नहीं दे सकते हैं,
बिजनौर के नहटौर थाना क्षेत्र के ग्राम सालारपुर शफक़्क़त पुर के इमाम बारगाह जाफरिया (बड़ा इमामबाडा) में एसएचओ नहटौर सत्य प्रकाश ने मोहर्रम के जुलूस सम्बंधित जानकारियां देते हुए साफ किया है कि इस साल किसी भी प्रकार के जुलूस,ताज़िया और सांस्कृतिक कार्यक्रम पर पूरी तरह से रोक लगायी है। लिहाज़ा कोई भी कार्यक्रम जुलूस की शक्ल इख्तियार ना करे,
साथ ही एसएचओ नहटौर सत्य प्रकाश ने ये भी साफ किया है कि इमाम हुसैन के गम मनाने पर किसी तरह की रोक नही लगायी है। सभी अपने अपने घरों में अपने फेमिली मेमबर्स के साथ ताज़ियत पेश कर सकते हैं।आपको मालूम है केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी गाईडलाईन्स के मुताबिक़ आगामी आदेश आने तक सभी त्योहारों पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गयी है,,
बैठक में इमाम बारगाह कमेटी के प्रबंधक शाने आलम समेत कई जिम्मेदार लोगों ने हिस्सा लिया। बैठक में डॉ आसिफ अली, सरफराज़ हुसैन, शमीम आलम, इल्यास हुसैन, रियासत हुसैन, सगीर अहमद आदि मौजूद रहे।
साथ ही आपको ये भी बता दें कि मोहर्रम के जुलूस को लेकर याचिकाकर्ता वसी हैदर की बातों का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अनुमति देने पर आपको कोरोना फैलाने का जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसलिये अनुमति देना उचित नही।
*नहटौर से बिजनौर एक्सप्रेस के लिये स्वतंत्र पत्रकार असकरी जाफ़री की रिपोर्ट*