▪️जनपद बिजनौर के वन्यजीव वनों में प्राकृतिक संपदा को कर रहे है अलंकृत,
उत्तराखंड से सटे जिले को प्रकृति ने सुंदर नजारों से नवाजा है। वन्य जीव इन नजारों को और बढ़ा रहे हैं। बिजनौर जिला 4563 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। वनों में बाघ, गुलदार, हाथी से लेकर गंगा में डॉल्फिन और घड़ियाल शान से तैर रहे हैं एंव वन्य जीव वनों में जीवन का संचार कर रहे हैं।
हालांकि कभी कभी वन्य जीव जंगल से बाहर निकलकर इंसानी जीवन को प्रभावित भी करते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं बहुत कम होती हैं। वन्य जीव इंसानों से दूर रहते हुए खुद अपनी ही दुनिया में जी रहे हैं।
जिले में हाथी, बाघ, गुलदार, घड़ियाल, डॉल्फिन, बारहसिंघा आदि भारी तादाद में हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। विदेशी प्रजाति के पक्षी भी नदियों के किनारे डेरा जमाए रहते हैं। नदियों किनारे प्रवासी पक्षियों के कलरव गूंजते रहते हैं। जिले में गंगा किनारे के तटीय क्षेत्र में अब बारहसिंघा भी दिखाई दे रहे हैं।
डीएफओ डॉ. एम सेम्मारन के अनुसार प्रकृति के बिना कोई जीवन नहीं है और वन्य जीव प्रकृति को पूरा करते हैं। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सभी को सहयोग देना चाहिए। प्रकृति से छेड़छाड़ किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए। प्रकृति के संरक्षण के लिए सभी ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर उनका संरक्षण भी करें।
वन्य जीवों का इंसानों से ही नहीं आपस में भी टकराव होता है। हाल ही में अमानगढ़ वन रेंज में एक युवा बाघ का शव मिला था। उसके शरीर की हड्डियां बुरी तरह टूटी हुईं थी। माना गया था कि हाथी के पटकने से बाघ की मौत हुई है। हाथी से उलझना उसे भारी पड़ा।
वन क्षेत्र लाखों बीघा जमीन में है। वन हैं तो वन्य जीव भी हैं। अमानगढ़ वन रेंज में बाघों की संख्या 22 से बढ़कर 24 हो गई है। हाथी और सारस की हाल में हुई गणना में उनकी भी संख्या बढ़ी मिली है। खेतों व गांवों के आसपास गुलदार दिखने की घटनाएं भी लगातार हो रही हैं।
इससे साफ है कि गुलदार की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। साल 2012 में उत्तराखंड में आई जल प्रलय के बाद इस साल पहली बार बारहसिंघा गंगा किनारे के तटीय क्षेत्र में बड़े झुंड में दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में हुई गणना में बाघों की संख्या भी बढ़ी है।
वन्य जीव संख्या
बाघ 24
गुलदार 100
चिकारा 06
काले हिरन 70
सांभर 226
बारहसिंघा 37
भालू 09
मोर 1074
हाथी 82
सारस 116
नोट : वन विभाग के आकड़ो के आधार पर वन्य जीवो की संख्या दी गई है
बिजनौर एक्सप्रेस स्पेशल रिपोर्ट