दर्शकों हम आपको आज बिजनौर की एक उम्र दराज़ महिला के बारे में बता रहे है यह बहुत ही दिल को रुला देने वाली कहानी है इस वीडियो में आप एक हिम्मत वाली बुज़र्ग महिला को देख रहे हैं जो दोपहर के चिल्लाती धूप में पेड़ के नीचे बैठी ईट को तोड़कर रोहड़ा बना रही है।
इनका उम्र एक 80 साल है इनका नाम हसीना अम्मा है जो की आंखों से नाबीना हैं। उनकी हथौड़ी का ईट पर इतना सटीक निशाना था, कोई भी ठीक प्रकार से देखनें वाला व्यक्ति भी नहीं तोड़ सकता, उम्र के आखिरी पड़ाव में जहां इंसान अपनी जिंदगी से हार मानकर पलंग पकड़ लेता है।
आखिर इस उम्र में आंखों की रोशनी गंवाने के बाद ऐसी कौन सी मजबूरी जो कांपते हाथों से रोड तोड़ रही है। हमारी जिज्ञासा ने हमे उनके पास जाने के लिए मुझे मजबूर कर दिया, हमारे उतावले पन ने काम छोड़ हसीना अम्मा से बात करने पर मजबूर कर दिया,
हमारे इल्तज़ा करने पर उन्होंने बताया कि 8 वर्ष पूर्व मेरे पति अब्दुल रशीद जो की मजदूरी करते थे, बीमारी के चलते उनका देहांत हो गया एकमात्र पुत्र सरफराज जो शादी शुदा है वह अपनी पत्नी वह छः बच्चों सहित रोजगार के सिलसिले में लुधियाना जाकर रहने लगा, घर पर खाना पीना वह खुद ही करती है।
जैसा भी कुछ जला भुना पक जाता है खा लेती है। और अपने आस-पास लोगों की तारीफ करते हुए कहती है कि मेरे पड़ोसी बहुत अच्छे हैं। मेरा काफी ख्याल रखते हैं। और उन्होंने मुझे पैसा इकट्ठा कर उमरे के लिए भेजा, अब वह जोखिम भरा काम इसलिए कर रही है । उनके दिल में हज करने की तमन्ना है। जिसकी वह आस लगाए बैठी है
और 2025 में उनका हज पर जाने का पूरा पूरा इरादा है। वह मजदूरी करके हज के लिए धन इकट्ठा कर रही है। हम काफी देर तक उनके पास बैठे रहे वह अपने काम को लगातार अंजाम देती रही, हमने उनसे वादा किया कि हम आप की मदद करने आपके घर जरूर आएंगे हम
और शहर के एक मशहूर डॉक्टर जब उनके घर पहुंचे तो वह इबादत में मशगूल थी, डॉक्टर द्वारा बहुत अच्छे तौर पर उनकी मदद की गई उसके बाद हम दोनों ने उनसे अल्लाह हाफिज किया, तो उन्होंने हमारे सिर पर शफकत का हाथ फेर कर दुआएं दी
बिजनौर एक्सप्रेस के साथ आकिफ अंसारी की यह रिपोर्ट
©Bijnor express