बिजनौर में साल 2014 में हुए ब्लॉस्ट मामले में आतंकियों के मददगारों को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने सभी को सात -सात साल की कठोर सजा का आदेश जारी किया है. सिमी के पांच आतंकी चोरी से छोटे से किराए के मकान में 2014 से रह रहे थे. अचानक हुए बम ब्लॉस्ट के बाद सभी सिमी के आतंकी उस दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे.
बिजनौर पुलिस और एनआईए की टीम ने छानबीन की तो पता चला कि साल 2013 में पांचों सिमी के आतंकी है. साथ ही खंडवा जेल से फरार होकर बिजनौर के छोटे से घर में रह रहे थे. हादसे के वक्त स्थानीय निवासी यादराम चंदेल ने बताया कि हालांकि सभी पांचों आतंकी साल 2016 में पकड़े गए थे.
जेल तोड़कर भागने की कोशिश में पुलिस मुठभेड़ में पांचों आतंकी ढेर हो गये थे. लेकिन आतंकियों के मददगार को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने दोषी मानते हुए सभी को 7 -7 साल 10 माह की कठोर सजा सुनाई है.
बिजनौर के लोग इस सजा से बेहद खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही एनआईए की टीम का शुक्रिया अदा करते नजर आ रहे हैं. सभी पांचों आतंकी घर में माचिस की तिल्ली पर लगे मसाले को उतारकर बारूद बना रहे थे. अचानक बारूद में विस्फोट होने से एक आतंकी बुरी तरह झुलस गये थे.
एनआईए सहित तमाम खुफिया विभाग की टीम ने डेरा डाल कर केस का पर्दाफाश करते हुए बिजनौर के रहने वाले हुस्ना ,रईस ,फ़ुरकान, नदीम, रईस और अब्दुल्ला ने आतंकियों को पनाह दी थी. साथ ही उनकी बिजनौर से भागने में मदद भी की हालांकि सभी पांचों आतंकी साल 2016 में पकड़े गए थे. जेल तोड़कर भागने की कोशिश में पुलिस मुठभेड़ में पांचों आतंकी ढेर हो गये थे.
लेकिन आतंकियों के मददगार को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने दोषी मानते हुए सभी को 7 -7 साल 10 माह की कठोर सजा सुनाई है. बिजनौर के लोग इस सजा से बेहद खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही एनआईए की टीम का शुक्रिया अदा करते नजर आ रहे हैं
बिजनौर से हमारे संवाददाता आक़िफ़ अंसारी की रिपोर्ट।
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