▪️बागपत पुलिस प्रशासन ने दाढ़ी ना बनाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था,
उत्तर प्रदेश: बागपत जिले में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतशार अली को सस्पेंड कर दिया गया है। वह दाढ़ी रखते थे और पुलिस अफसरों को इससे आपत्ति थी,
बागपत पुलिस प्रशासन ने अपने आॅफिशल ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए बताया है कि उक्त प्रकरण में उ0नि0 (निलंबित) श्री इन्तसार अली को पुर्व में भी पैटर्न के अनुरूप वर्दी धारण न करने व दाढ़ी न बनाने के सम्बन्ध में बाद जांच कारण बताओ नोटिस निर्गत किया जा चुका है, परंतु इसके उपरांत भी उ0नि0 द्वारा आदेश/निर्देश का पालन न करतें हुए ड्रेस कोड के विपरीत मनमाने ढंग से बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के ड्रेस कोड का पालन ना करने कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया हैं,
— Baghpat Police (@baghpatpolice) October 21, 2020
सीनियर पत्रकार wasim Akram Tyagi ने अपने ट्वीट हैंडल पर कई सवाल खड़े करते हुए लिखा कि, सवाल पुलिस फोर्स में पगड़ी एंव दाढ़ी वाले सिख भी हैं, और माथे पर तिलक एंव हाथ में कलावा बांधने वाले हिंदू भी हैं। तब एक मुस्लिम दाढ़ी रखकर पुलिस फोर्स में क्यों नही रह सकता? @baghpatpolice के एसपी ने दाढ़ी रखने पर दरोगा इंतिशार अली को सस्पेंड कर दिया। @Uppolice @dgpup ऐसा नियम है कोई?
पुलिस फोर्स में पगड़ी एंव दाढ़ी वाले सिख भी हैं, और माथे पर तिलक एंव हाथ में कलावा बांधने वाले हिंदू भी हैं। तब एक मुस्लिम दाढ़ी रखकर पुलिस फोर्स में क्यों नही रह सकता? @baghpatpolice के एसपी ने दाढ़ी रखने पर दरोगा इंतिशार अली को सस्पेंड कर दिया। @Uppolice @dgpup ऐसा नियम है कोई? pic.twitter.com/cCWDoSq4oW
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) October 21, 2020
सोशल एक्टिविस्ट zakir ali Tyagi ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतशार अली को सस्पेंड कर दिया गया क्योंकि वह दाढ़ी रखते थे और अफसरों को आपत्ति थी,@dgpup अपनी आपत्ति खुलेआम ज़ाहिर कर सकते है,इस मुल्क़ में क्या खाना है क्या पहनना है कहा जाना ये सब सरकारें तय करेंगी तो आज़ादी कैसे मान ली जाये?
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतशार अली को सस्पेंड कर दिया गया क्योंकि वह दाढ़ी रखते थे और अफसरों को आपत्ति थी,@dgpup अपनी आपत्ति खुलेआम ज़ाहिर कर सकते है,इस मुल्क़ में क्या खाना है क्या पहनना है कहा जाना ये सब सरकारें तय करेंगी तो आज़ादी कैसे मान ली जाये? pic.twitter.com/u2u8nwP3Gx
— Zakir Ali Tyagi (@ZakirAliTyagi) October 21, 2020
बता दें कि दिल्ली पुलिस में एक दारोगा थे दरोगा हामिद अली, अब से लगभग 10 वर्ष पहले उन्हें भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था, उनका केस जमीयत उलेमा ए हिन्द ने लड़ा था जिसमें कोर्ट ने हामिद अली के पक्ष में फैसला सुनाया और वो नौकरी पर बहाल हुए