सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने की सरकार की लाख कोशिसे उस समय फेल हो जाती हैं जब 80 हज़ार रुपए वेतन प्राप्त करने वाले सरकारी अध्यापक अपनी जिम्मेदारी से भागने लगते हैं। जिले में कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां के अध्यापक अपनी मर्जी से विद्यालय खोलने का समय निर्धारित करते है तानाशाही दिखाते हुए सरकार द्वारा निर्धारित समय पर विद्यालय न खोलकर देरी से विद्यालय खोलते हैं
ऐसा ही एक मामला किरतपुर विकास खण्ड के गांव मुबारकपुर में देखने को मिला। जहाँ 8 बजे के बाद भी विद्यालय नही खुला और बच्चे साढ़े सात बजे से अपने बैग गेट पर लटकाकर अध्यापको का इंतज़ार करते मिले।
बता दे कि सरकार द्वारा विद्यालय खोलने का समय साढ़े सात बजे निर्धारित है लेकिन यहाँ के बच्चो का कहना है कि अक्सर अध्यापक 8 से 9 बजे के बीच मे ही विद्यालय खोलते हैं जिसके कारण बच्चे घण्टो बन्द गेट पर खड़े होकर इंतज़ार करने को मजबूर होते हैं। ऐसे में विभाग द्वारा इस तरह के अध्यापकों पर यदि कोई ठोस कार्यवाही नही होती तो ये शिलशिला यूं ही चलता रहेगा।
बिजनौर से हमारे संवाददाता तुषार वर्मा की रिपोर्ट।
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