▪️अरब देशों से दोस्ती करने के बाद अरब देशों के पीठ में खंज़र क्यों घोपा इस्राइल ने..आसिद नजीबाबादी
मस्जिद अक़्सा के अधिकारियों का कहना है कि इजराइली पुलिस की इस कार्रवाई में 7 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है फज्र की नमाज से पहले ही इजरायली पुलिस मस्जिद में प्रवेश कर गई और उसने मस्जिद के भीतर हिंसक कार्रवाई की, इजरायली पुलिस ने कब्जे वाले पूर्वी यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद परिसर में छापा मारा है, जिसमें चिकित्सकों का कहना है कि इस हिंसा में कम से कम 152 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं।

साइट चलाने वाले इस्लामिक एंडॉमेंट ने कहा कि शुक्रवार को सुबह होने से पहले ही इजरायली पुलिस ने दल-बल के साथ मस्जिद में प्रवेश किया, क्योंकि सुबह की नमाज के लिए हजारों लोग मस्जिद में जमा होते हैं। ऑनलाइन प्रसारित होने वाले वीडियो में फिलिस्तीनियों को पत्थर फेंकते और पुलिस को आंसू गैस के गोले दागते और अचेत करते हुए हथगोले दिखाई दे रहे हैं। आंसू गैस के बादलों के बीच अन्य लोगों ने नमाजियों को मस्जिद के अंदर खुद को बैरिकेडिंग करते हुए दिखाया।
फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट आपातकालीन सेवा ने कहा कि उसने अधिकांश घायलों को अस्पतालों में पहुंचाया, इज़राइली बलों ने मस्जिद में एम्बुलेंस और पैरामेडिकल स्टाफ के आगमन में बाधा उत्पन्न की, फ़िलिस्तीनी मीडिया ने कहा कि दर्जनों घायल नमाज़ी परिसर के अंदर फंसे हुए हैं।
इज़राइली पुलिस बलों ने कहा कि उन्होंने नवीनतम वृद्धि के दौरान कम से कम 300 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया। फिलीस्तीनी सूत्रों ने यह संख्या 400 बताई है। इज़राइली पुलिस ने कहा कि वह परिसर में एक “हिंसक” भीड़ को तोड़ने के लिए दाखिल हुए, जो सुबह की नमाज़ के इख़्तेताम पर मौजूद थी। जबकि इस परिसर की मान्यता यह है की यह इस्लाम का तीसरा मुक़द्दस तरीन मक़ाम है और जिसे यहूदी टेम्पल माउंट के तौर पर मानते हैं।
उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों के एक समूह द्वारा पश्चिमी दीवार के पास के यहूदी प्रार्थना स्थल की ओर पत्थर फेंकने के बाद वे भीड़ को “तितर-बितर करने और पीछे धकेलने” के लिए गए थे।

दमिश्क गेट से रिपोर्ट करते हुए, अल जज़ीरा के नजवान अल-सामरी ने कहा कि इजरायली पुलिस बलों ने बिना किसी बहाने अल-अक्सा मस्जिद परिसर पर धावा बोल दिया और सुबह की नमाज़ के बाद क़िबली हाल के करीब नमाज़ियों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि यह इज़ाफ़ा उस वक्त हुआ जब यहूदी समूहों ने यहूदी फसह की छुट्टी के दौरान अल-अक्सा मस्जिद परिसर में छापेमारी और इसके आंगनों में जानवरों की क़ुरबानी पेश करने का मुतालबा किया, जो कदीम ज़माने से नहीं हुआ था।
अल जजीरा के अनुसार मस्जिद का संचालन (बंदोबस्ती) करने वाले ने कहा कि जुमे की नमाज अदा करने के लिए हजारो नमाजी एकत्र हुए थे तभी इस दौरान इजराइली पुलिस जबरन मस्जिद में घुस गई फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट आपातकाल सेवा ने बताया कि घायलों को मस्जिद से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। मस्जिद का संचालनकर्ता ने कहा कि मस्जिद के एक सुरक्षाकर्मी की आंख में रबर की गोली लगी। फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने कहा कि इजराइली पुलिस ने एम्बुलेंस और डॉक्टरों के मस्जिद तक पहुँचने में व्यवधान पैदा किया, जबकि कई घायल नमाजी मस्जिद परिसर के अंदर फंसे हुए थें,
شاهد| تغطية صحفية: "لحظة اعتداء قوات الاحتلال على مصورة صحفية في المسجد الأقصى".#اقتحام_رمضان pic.twitter.com/2vWEqMuRiR
— شبكة قدس الإخبارية (@qudsn) April 15, 2022
अभी तक इस पूरे मामले पर इजरायली अधिकारियों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। ये एक पहाड़ी की चोटी पर बना है, जो यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थल है। यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं। यहां दशकों से इजरायल-फलस्तीनी हिंसा होती रही है।
रमजान के पवित्र महीने में शुक्रवार की नमाज के लिए मुसलमानों के मस्जिद अल-अक्सा में आने की उम्मीद थी। गौरतलब है कि पिछले साल रमज़ान के दौरान अल-अक्सा पर विरोध प्रदर्शन और छापेमारी के दौरान गाजा पट्टी पर 11 दिनों के हमले में कम से कम 232 फिलिस्तीनी और 12 इजराइली मारे गए थे।

आसिद नजीबाबादी: कहा है कि इस्राइल पिछले कुछ महीनों से शांति दूत बनकर अरब मुल्कों से दोस्ती के लिये हाथ बढ़ा रहा था जिसमें उसको अरब अमीरात और बहरीन के रूप में सफला मिलती भी दिखाई दे रहीं थीं, वहीं सऊदी अरब सहित कई और अन्य देशों ने भी इस्राइल के प्रति नरम रुख दिखाया था,
फिर ऐसा क्या हुआ कि इस्राइल अचानक से अपने पूराने रंग में आ गया है, दरअसल कुछ जानकारों का कहना है कि इस्राइल एक और दुनिया को दिखाना चाहता है कि वह शांतिदूत है और दूसरी ओर वह अपने पूराने रुख पर कायम है जिसके अनुसार वह मस्जिदे अक्सा को शहीद और समूचे फिलिस्तीन पर पूरी तरह से कब्जा करने की रणनीति पर आग्रसर है,

कुछ दिनों की शांति के बाद इस्राइल फिर से आक्रमक हो गया हैं मुस्लिम समुदाय का पवित्र महिना चल रहा हैं इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग 24 घंटे अल्लाह की इबादत करते हैं खासतौर पर आखरी आसरा मतलब आखिरी 10 दिन मुसलमानों का अकिदा है कि इन दस दिनों में सबेकद्र के रूप में एक रात ऐसी भी आती हैं जिसमें सभी दुआए पूरी होती हैं यहीं वजह है कि मुस्लिम समुदाय के लोग आखरी दस दिनों में रात दिन अल्लाह की इबादत करतें हैं,
क्षेत्र में शांति बनी हुई थीं मस्जिदें अक्सा में सबेकद्र के दिन बड़ी संख्या में नमाज़ी नमाज़ अदा कर रहे थे, अचानक इस्राइली आर्मी ने नमाज़ पढ़ रहे नमाज़ियो पर हमला कर दिया जिसमें कई लोगों के घायल वह मरने की खबरें आ रही हैं इस्राइली फौजी इतने में ही नहीं रुके वह मस्जिद के अंदर दाखिल हो गए और उन्होंने मस्जिद के भीतर भी जमकर खूनखराबा किया, जिसकी निंदा दुनियाभर हो रहीं हैं,
क्रिस्चियन धर्म के सबसे बड़े धार्मिक गूरू पोप ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इबादतगाह पर हमला निंदनीय है, वहीं सभी मुस्लिम देश फिर से आगबबूला हो गयें हैं और इस्राइली आर्मी द्वारा किए गए इस हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं, आप को बता दूँ कि यह मुस्लिम देख और इससे ज्यादा कुछ और कर भी नहीं सकतें..

आसिद नजीबाबादी ने कहा कि मेरा खुद का मानना है कि जिस धर्म के लोग किसी दूसरे अन्य धर्म के इबादतगाह मतलब ईश्वर के घर के जलने पर खुशियां मनायें यकिनन यह धार्मिक लोग तो कतई भी नहीं हो सकते हैं, इसीलिए कुछ लोग इन्हें आदमखोर कहतें हैं, और यहीं सच्चाई भी, फिलिस्तीनियो ने बेसहारा यहूदियों को सहारा देते हुए अपनी उंगलियाँ थमाई थी अंजाम अब आप के सामने हैं,
आसिद नजीबाबादी
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