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ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को दी 1700 स्क्वायर फीट जमीन, वर्षो से चला आ रहा विवाद क्या अब खत्म होगा?

Uttar Pradesh: बनारस ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी और वक़्फबोर्ड ने आपसी सहमति से मस्जिद परिसर का एक हिस्सा विश्वनाथ मन्दिर ट्र्स्ट को कॉरिडोर निर्माण के लिये दे दिया है

मन्दिर परिसर ने ज्ञानवापी मस्जिद के सामने इस जमीन की मांग की थी। जिसे मस्जिद कमेटी और वक्फबोर्ड ने हिन्दू मुस्लिम भाईचारा की मिसाल पेश करते हुए इस क़ीमती ज़मीन को मन्दिर ट्रस्ट को दे दिया है।

इस फैसले पर आप लोगो की क्या राय है। क्या इस पहल से मौजूदा मन्दिर मस्जिद के झगड़े ख़तम हो जाएंगे?

आप को बता दें कि यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का संचालन करने वाली समिति ने ज्ञानवापी मस्जिद से सटी 1700 स्क्वायर फीट जमीन का टुकड़ा विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को दे दिया है.

इसके बदले समिति को पास में ही एक दूसरी जमीन उपलब्ध कराई गई है. ऐसा माना जा रहा है कि वाराणसी में बन रहे श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर को इस जमीन के जरिए भव्यता मिलेगी. लंबी बातचीत के बाद शुक्रवार 23 जुलाई को दोनों पक्ष इस एक्सचेंज ऑफ प्रॉपर्टी पर सहमत हुए.

दरअसल काशी विश्ननाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद काफी पुराना है, लेकिन यहां पर अयोध्या की तरह विवाद नहीं है। इतिहासकारों के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने करवाया था। यह निर्माण मंदिर तोड़कर किया गया था। औरंगजेब से पहले भी काशी विश्वनाथ मंदिर कई बार टूटा और बनाया गया।

लेकिन साल 1669 में औरंगजबे ने इसे तोड़कर वहां ज्ञानवापी मस्जिद बनवा दी। फिर मंदिर को बनाने के लिए काफी कोशिश की गई। 1780 में अहिल्या बाई होलकर ने मस्जिद के पास एक मंदिर का निर्माण करवाया और आज यही काशी विश्वनाथ मंदिर कहलाता है।

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